गांव का प्रधान या सरपंच करे मनमानी तो ऐसे करें उसके खिलाफ शिकायत: कार्यों की लिस्ट भी निकालें

ग्राम प्रधान के खिलाफ शिकायत:- गांवों के विकास एवं कल्याण के लिए ग्राम पंचायत का निर्माण किया जाता है। जिसका मुखिया ग्राम प्रधान कहलाता है। ग्राम प्रधान का लोगों के द्वारा चुनाव किया जाता है। ग्राम प्रधान का चुनाव किएए जाने के बाद गावों के विकास कार्य एवं लोगों की सेवाओ के लिए व्याज जिम्मेदार होता है। परंतु चुनाव मे कोई उम्मीदवार जीतने के बाद अपने प्रधानी से संबंधित सभी कार्य मे लापरवाही बरतने लगता है वह अपनी ग्राम पंचायत मे विकास कार्य से दूर रहता है। ऐसी स्थिती मे ग्राम पंचायत के लोग सरपंच के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते है। परंतु अक्सर गाँव के लोगों को यह नहीं पता होता है की सरपंच के खिलाफ शिकायत कैसे करें?

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ग्राम प्रधान के द्वारा जब अपने कर्तव्यों का ईमानदारी पूर्वक पालन नहीं किया जाता है तो ग्राम पंचायत का कोई भी व्यक्ति सरपंच के खिलाफ शिकायत कर सकता है। सरपंच के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार किसी भी व्यक्ति को संवैधानिक रूप से प्राप्त होता है।

सरपंच के खिलाफ शिकायत करने के लिए सरकार ने ऑनलाइन सुविधा प्रदान की है साथ ही आप मोबाईल के माध्यम से कॉल करके भी शिकायत की जा सकती है। इस पोस्ट के माध्यम से आपको सरपंच के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने अथवा हेल्पलाइन नंबर के बारे मे विस्तार पूर्वक बताएंगे। इस पोस्ट से आपको पता चलेगा की सरपंच के खिलाफ शिकायत कैसे करें?

सरपंच कौन होता है ?

पंचयती राज व्यवस्था के अंतर्गत देश के सभी ग्राम पंचायत प्रत्येक 5 सालों मे एक बार ग्राम प्रधान अर्थात सरपंच का चुनाव किया जाता है। सरपंच चुनाव मे एक बार जीतने के पश्चात अगले पाँच सालों तक अपनी स्वतंत्रता के पश्चात भारत मे लोकतान्त्रिक व्यवस्था के विकेन्द्रीकरण की भावना को साकार करने के उद्देश्य से पंचायती राज व्यवस्था को अपनाया गया था। जब भारत मे संविधान का निर्माण किया तो राज्य के नीति निर्देश तत्वों मे पंचयती राज की धारना को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत पंचायती राज की पहली बार स्थापना 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर मे स्थापना की गई है, गाँव मे पंचयती राज होने से ग्रामीण स्तर पर विकास कार्य को बहुत तेजी से किया जा सकता है।

सरपंच को ग्राम पंचायत से जुड़े सभी प्रशासनिक मामलों के अधिकार प्रदान किए जाते है ताकि वह ग्रामपंचायत के विकास कार्य को अंजाम दे सके। सरपंच के कुछ अधिकार होते है जैसे वह ग्राम सभासद की नियुक्ति अथवा बर्खास्त ग्राम सचिव को निर्देश दे सकता है,गाँव के विकास कार्य के लिए बजट का निर्धारण एवं मंजूरी भी तय कर सकता है।

सरपंच के कार्यों की जांच कैसे करें?

यदि आपके ग्राम पंचायत का सरपंच सही तरीके से कार्य नहीं क्र रहा है अथवा पक्षपात क्र रहा है तो आपको उसकी शिकायत करने के लिए अपने पास पक्के सबूत इकट्ठे करने होंगे क्योंकि उन्ही सबूतों के आधार पर ही प्रशाशन सरपंच के खिलाफ कार्यवाही करेगा. यदि आपके साबुत पर्याप्त नहीं हुई तो आपको की गयी शिकायत रद्द कर दी जाएगी.

ग्राम पंचायत के सरपंच के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए सबसे पहले आपको उसके खिलाफ सबूत एकत्रित करने होते है जिसके लिए आपको निम्नलिखित बताये गये तरीके का पालन करना होगा.

सरपंच के खिलाफ RTI दायर करें

पहला चरण :- पहले तरीके के तहत आपको ग्राम प्रधान /सरपंच के खिलाफ आर टी आई दायर करनी होगी. जिसके लिए आपको सबसे पहले ऑनलाइन RTI Portal पर जाना होगा.

दूसरा चरण :- RTI के होम पेज में आने पर आपको Click here for Submit Request पर क्लिक करना है।

तीसरा चरण :- इसके बाद आपको गाइड लाइन स्क्रीन पर प्राप्त होगी जिसे अच्छी तरीके से पढने के बाद Check box पर क्लिक करके Submit करना होगा ।

चौथा चरण :- गाइड लाइन सबमिट करने के बाद आपके सामने RTI फॉर्म खुलेगा जिसे आपको अच्छी तरीके से समझ कर भरना होगा. सबमिट करने के बाद आपके सामने फार्म खुलकर आ जाएगा जिसे आपको पूरी तरह भरना है। जैसे Ministry वाले विकल्प में Ministry of Panchayati raj के विकल्प को चुनना होगा।

पांचवा चरण :- एक बार फॉर्म को पूरा फॉर्म भरने के बाद दोबारा चेक करना होगा उसके बाद आपको Submit के विकल्प पर क्लिक कर देना है।

छठा चरण :- अंत में आपको ₹10 का ऑनलाइन पेमेंट करना होगा।

सातवाँ चरण :- पेमेंट करने के पश्चात आपका RTI आवेदन पूर्ण हो जायेगा इसके बाद आपको रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा जिसे आपको बहुत ही सम्हाल कर रखना होगा

आठवां चरण :- आवेदन के 30 दिनों के अंदर आपको सरपंच द्वारा किए जाने वाले सभी कार्यों की जानकारी मिल जाएगी।

बस यह ध्यान रखना है कि फार्म में दिए गए RTI Request online वाले विकल्प में आपको वह पूरी चीज मंगानी है, जो आप सरपंच के खिलाफ शिकायत करने के तौर पर पाना चाहते हैं।

सरपंच के कार्य की लिस्ट की जांच करें

दुसरे तरीके में आप अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान के कार्य लिस्ट को देख सकते हैं।

इसके लिए आप E gramswraj योजना के दिए गए वेबसाइट पर क्लिक करें।

इसके बाद आपको ई ग्राम स्वराज योजना पोर्टल के होम पेज में आपको निचे की ओर आने पर आपको रिपोर्ट बॉक्स में योजना (Planning) के विकल्प पर जाकर क्लीक करना होगा.

जिसके बाद नए पेज में दोबारा से आपको योजना (Planning) के विकल्प पर क्लीक करना होगा. योजना पर क्लीक करते ही पंचायत विकास योजना स्थिति रिपोर्ट के विकल्प पर क्लीक करना होगा.

अब आपको नए पेज में select plan year में रिपोर्ट का साल चुनना होगा. अब कैप्चा भरकर Get Report पर क्लिक करें

get report पर क्लिक करने के बाद भारत के सभी राज्यों के नाम खुलकर आ जाएंगे जहां पर आप सबसे पहले राज्य का नाम, जिले का नाम, गांव का नाम, इत्यादि सभी चीज सेलेक्ट करके सरपंच के कार्य लिस्ट प्राप्त कर सकते हैं।

इस तरह से आपके पास आपके गांव के सरपंच के द्वारा की गई सभी कार्यों की लिस्ट खुलकर आ जाएगी जिसे आप डॉक्यूमेंट फॉर्म में डाउनलोड भी कर सकते हैं।

सरपंच के खिलाफ शिकायत कैसे करें?

देश की सभी ग्राम पंच्य्तो में विकास कार्य करने हेतु ग्राम प्रधान को चुनाव के द्वारा ५ साल के नियुक्त किया जता है. ग्राम प्रधान बनाने के पश्चात राज्य एवं केंद्र सरकारे ग्रामीण विकास कार्य हेतु बजट का आवंटन किया जाता है जोकि ग्राम पंचायत के खाते में डाली जाती है. जिसका अप्रूवल ग्राम प्रधान के द्वारा किया जाता है. यदि ग्राम प्रधान के द्वारा निकली गयी राशि का दुरूपयोग ग्राम प्रधान के द्वारा किया जा रहा है तो सरपंच की शिकायत की जा सकती है.

ग्राम प्रधान की शिकायत कैसे करते है इसके बारे में विस्तार से जानते है. शिकायत करने की सभी जानकरी निम्नलिखित है.

जिलाधिकारी से शिकायत करें

जिलाधिकारी जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होता है अतःआप सभी सबूत के साथ जिलाधिकारी कार्यालय जाकर सरपंच के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं। क्योंकि जिले का अधिकारीअपने नीचे आने वाले समस्त पदों के लिए जांच की कार्यवाही कर सकता है इसलिए ग्राम पंचायत में हो रहे गड़बड़ियां की जांच जिलाधिकारी के द्वारा की जा सकती है।

अपने ग्राम पंचायत के प्रधान के खिलाफ यदि आपको जिलाधिकारी के पास शिकायत करना है तोआपको सबसे पहले एक एप्लीकेशन लिखना होगा जिस पर आपको अपने एवं कुछ अन्य गांव के वरिष्ठ लोगों के हस्ताक्षर भी करवाने होंगे।

अब आपके द्वारा इकट्ठा किए गए अन्य समस्त दस्तावेजों (सबूतों) को एप्लीकेशन के साथ संलग्न करना है।सभी दस्तावेजों को क्रमबद्ध तरीके से लगाकर जिलाधिकारी के ऑफिस में जाना होगा।

अब आपको यह सभी दस्तावेज जिलाधिकारी के दफ्तर में जाकर जमा करने होंगे इसके पश्चात जिलाधिकारी आपके दस्तावेजों की शिकायत के आधार परआपकी ग्राम पंचायत की जांच के लिए कुछ अधिकारियों की नियुक्ति कर देगा जैसे

  • जिला पंचायत राज अधिकारी
  • जिला पंचायत अधिकारी
  • ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर
  • सहायक विकास अधिकारी

उपर्युक्त बताए गए सभी अधिकारी में से कोई अधिकारी अपनी टीम के साथ आपके गांव में आएगा एवं शिकायत के आधार पर अपनी जांच को अंजाम देगा इसके बाद यह टीम एक रिपोर्ट तैयार कर जिला अधिकारी को भेज देगी।शिकायत सही पाई जाने पर जिलाधिकारी के द्वारा ग्राम प्रधान पर कार्रवाई की जाएगी।

ग्राम प्रधान शिकायत हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें

.यदि कोई ग्राम प्रधान सही से कार्य नहीं कर रहा है तो आप हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से भी सरपंच की शिकायत कर सकते हैं। इस प्रकार की शिकायते दर्ज करने के लिए सीएम हेल्पलाइन नंबर181 बनाया गया हैसाथ हीअलग-अलग राज्यों के लिएअलग-अलगटोल फ्री नंबर है.

उत्तर प्रदेश राज्य में किसी भी तरीके की शिकायत दर्ज करने के लिए राज्य का हेल्पलाइन नंबर 1076 है. इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके आप अपनी शिकायत मुख्यमंत्री ऑफिस में दर्ज कर सकते हैं।इस प्रकार हेल्पलाइन नंबर से शिकायत दर्ज होने पर भी एक जांच समिति का गठन किया जाएगा जो की आपकी ग्राम पंचायत में आकर शिकायतों की जांच पड़ताल करेगी एवं उसकी रिपोर्ट बनाकर प्रशासन तक पहुंच जाएगी

सरपंच को हटाने के नियम क्या है?

यदि जांच से सिद्ध हो जाता है कि ग्राम प्रधान अपने ग्राम पंचायत में कार्य ठीक तरीके से नहीं कर रहा है तो आप सीधे सरपंच को हटाने के लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं। अगर आपके पास यह पूरा सबूत है कि सरपंच कोई भी कार्य ठीक से नहीं कर रहा है और साथ ही वह भ्रष्टाचार जैसे कार्यों में शामिल है तो आप डायरेक्ट सरपंच को हटाने की भी अर्जी दे सकते हैं।

सरपंच को पद से हटाने के लिएसरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है जिसकी सूचना पहले ही आपको जिलाधिकारी को देनी होगी साथ ही उसके सामने सरपंच द्वारा की जा रहे भ्रष्टाचार के सबूत भी रखते होंगे एवं एक लिखित शिकायत पत्र जिला अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा।

शिकायत पत्र जमा करते समय आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपको गवाह के तौर पर अपनी ग्राम पंचायत से तीन लोग को गवाह के रूप में जिलाधिकारी पंचायती राज के ऑफिस में ले जाना होगा इसके पश्चात आपको समस्त दस्तावेज एवं सबूत जिला अधिकारी के पास जमा करने होंगे।

शिकायत पत्र जमा करने के बाद 30 दिनों के अंदर जिलाधिकारी द्वारा एक बैठक बुलाई जाती है जिसमें यह सभी जानकारी से संबंधित चर्चा की जाती है कि सरपंच अपना काम ठीक से कर रहा है या नहीं।

उसके बाद जिलाधिकारी ग्राम पंचायत के सदस्यों को बुलाता है और गांव के सदस्यों से मतदान करवाता है। यदि मतदान में ग्राम प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ है तो त इसी बहुमत के आधार पर सरपंच को उसके पद से बर्खास्त कर दिया जाता है।

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सरपंच के क्या कार्य होते हैं?

सरपंच के कुछ मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं -:

  • गांव के विकास और कल्याण के लिए काम करना
  • गांव के लोगों की समस्याओं को हल करना
  • गांव के संसाधनों का दुरुपयोग नहीं करना
  • गांव के अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना

FAQ’s

Q. ग्राम प्रधान की शिकायत कैसे करें?

Ans- ग्राम प्रधान की शिकायत जिलाधिकारी से की जा सकती है। और इसके लिए आपको एक शिकायत पत्र लिखना होगा। साथ ही आपको समस्त सबूतों के दस्तावेज भी शिकायत पत्र के साथ लगाने होंगे.

Q. एक ग्राम पंचायत का बजट कितना होता है?

Ans- एक ग्राम पंचायत को सालाना 9 लाख रुपए तक का बजट र मिलता है।

Q. सरपंच की ऑनलाइन शिकायत कैसे करें?

Ans- ऐसे तो सरपंच की ऑनलाइन शिकायत e gramswraj ke portal पर जाकर की जा सकती थी परंतु इस समय यह वेबसाइट सही तरीके से कार्य नहीं कर रही है। इसलिए अभी सरपंच के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत नहीं की जा सकती है।

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