कोर्ट मैरिज क्या है और कैसे करें, आवश्यक दस्तावेज, फीस, नियम और शर्तें

कई बार जब कोई लड़का और लड़की या फिर कोई महिला और पुरुष एक दूसरे से प्यार करते हैं और उनके घर वाले उनकी शादी के लिए नहीं मानते हैं, तो ऐसे में उनके मन में कोर्ट मैरिज करने का ख्याल आता है, क्योंकि जब परिवार वाले साथ नहीं देते हैं, तो अक्सर प्रेमी जोड़े अदालत की शरण में जाते हैं। ऐसे में कोर्ट मैरिज करने के लिए प्रेमी जोड़ियों को आवश्यक दस्तावेज, नियम, कोर्ट मैरिज के लिए फीस, Court marriage certificate के लिए आवेदन प्रक्रिया आदि की जानकारी होनी चाहिए।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

कोर्ट मैरिज एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जहां पर आपको ज्यादा झंझट करने की आवश्यकता नहीं होती है। बस आपको कागजी कार्रवाई को पूरा करना होता है और उसके बाद आप एक दूसरे के कानूनी तौर पर पति-पत्नी बन जाते हैं। किंतु कोर्ट मैरिज प्रक्रिया प्रेमी जोड़ियों को कुछ आवश्यक दस्तावेजों को भी अदालत में जमा करना होता है।

इस दिए गए पोस्ट के माध्यम से बताएंगे कि ladka ladki court marriage kaise kare तथा कोर्ट मैरिज करने के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या लगेंगे? साथ ही court marriage करने के लिए आवश्यक नियम और शर्तें क्या हैं इसकी भी जानकारी को बताएंगे।

कोर्ट मैरिज क्या है?

कोर्ट मैरिज को हिंदी में अदालती शादी कहा जाता है। यह हमारे देश में सामान्य तौर पर जो शादी होती है, उससे बिल्कुल अलग होता है। कोर्ट में शादी या विवाह अदालत में वकीलों के सामने और जज के सामने किया जाता है। प्रेमी जोड़ियों की शादी Court Marriage Act के नियमानुसार होता है।

कोर्ट मैरिज एक्ट के अनुसार किसी भी धर्म, संप्रदाय या जाति के युवक और युवतियां अपने मन पसन्द लड़की या लड़के के साथ कानूनी तौर पर शादी के बंधन में बंध सकते हैं। अतः Court Marriage करने के लिए एक्ट के अनुसार आवेदकों सभी आवश्यक Documents, खर्च (fees) एवं आवेदन प्रक्रिया के बारे में जान लेना चाहिए।

कोर्ट मैरिज प्रक्रिया में पारंपरिक शादी का कोई भी तरीका नहीं अपनाया जाता है। यहां पर बस लड़का और लड़की की सहमति होनी चाहिए और उसके बाद मैरिज रजिस्ट्रार के सामने दोनों को कोर्ट मैरिज के दस्तावेज पर सिग्नेचर करने होते हैं और एक दूसरे को फूलों का हार पहनाना होता है। इसी प्रकार से कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

कोर्ट मैरिज में क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए?

हमने ऊपर ही आपको बताया कि, कोर्ट मैरिज एक क़ानूनी प्रक्रिया होता है अतः court के माध्यम से शादी के बंधन में बढ़ने के लिए युवक और युवती को Court Marriage करने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents) को कोर्ट के समक्ष रखना होता है।

कोर्ट मैरिज करने के लिए जो आवश्यक दस्तावेज अदालत में जमा कर रहे हैं वो सभी दस्तावेज सही होना चाहिए। कोई भी दस्तावेज यदि गलत निकालता है ऐसी स्थिति में अदालत आपके ऊपर कार्यवाही कर सकती है। अतः जो भी नागरिक कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन कर रहे हैं उन्हें निम्नलिखित दस्तावेजों की जरुरत पड़ेगी।

  • संपूर्ण एप्लीकेशन फॉर्म और फीस
  • लड़के और लड़की के पासपोर्ट साइज की चार रंगीन फोटो
  • आधार कार्ड अथवा ड्राइविंग लाइसेंस की फोटो कॉपी
  •  कोर्ट मैरिज की फीस जो की ₹500 या ₹5000 हो सकती है।
  • 10वीं/12वीं की मार्कशीट या जन्म प्रमाण पत्र शपथ पत्र
  • गवाहों के फोटो और पैन कार्ड
  • अगर पति मर चुका है तो उसका डेथ सर्टिफिकेट, अगर तलाक हो गया है तो तलाक का पेपर, पत्नी मर गई है तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र

कोर्ट मैरिज करने के लिए कौन कौन से डॉक्यूमेंट चाहिए?

कोर्ट मैरिज करने के लिए विभिन्न प्रकार के डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है। हमने ऊपर कोर्ट मैरिज के लिए कागजी डॉक्युमेंट्स लिस्ट को आपके समक्ष साझा किया है, जिसका प्रबंध आपको अदालत में कोर्ट मैरिज करने जाने से पहले ही कर लेना चाहिए।

याद रखें कि, जो दस्तावेज हमने बताए हुए हैं, वह दस्तावेज दोनों ही पक्षों के पास मौजूद होने चाहिए। कोई भी दस्तावेज अगर कोर्ट मैरिज के करने की दरमियान उपलब्ध नहीं होगा, तो कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया में रुकावट भी आ सकती है।

कोर्ट मैरिज करने के लिए आवेदकों को न केवल कागजी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी बल्कि कोर्ट के समक्ष गवाहों को भी रखना होगा। कोर्ट मैरिज एक्ट 1954 के अनुसार अदालत के सामने दो गवाहों को रखना होगा जो कि आपके शादी को मंजूरी देते हो।

लड़के लड़की को कोर्ट मैरिज करने के लिए आवश्यक पात्रता

  • कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़का और लड़की बालिग होना चाहिए।
  • कौर मैरिज को करने के लिए लड़की की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होना चाहिए और लड़के की आयु 21 वर्ष होना चाहिए।
  • दोनों लड़के और लड़की मानसिक रूप से स्वस्थ होने चाहिए।
  • युवक और युवती पहले से शादी शुदा नहीं होना चाहिए।
  • Court marriage के लिए लड़के लड़की की सहमती अनिवार्य है।

ऑनलाइन कोर्ट मैरिज कैसे करें?

भारत सरकार द्वारा कोर्ट मैरिज करने के लिए किसी भी प्रकार की ऑनलाइन पोर्टल जारी नहीं किया गया है। किन्तु कोर्ट मैरिज करने के लिए भारत सरकार द्वारा मैरिज एक्ट को जारी किया है जिसके माध्यम से नागरिक अदालत के माध्यम से कानूनी तौर पर शादी करने के लिए आवश्यक नियमों एवं शर्तों को पढ़ सकते हैं।

कोर्ट मैरिज करने के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है?

देश में कोर्ट मैरिज करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियावों से गुजरना होगा।

1. युवक और युवतियों को कोर्ट मैरिज करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस में लिखित नोटिस या आवेदन पत्र जमा करना होगा। ध्यान रहे आप जिस भी जिले से कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन कर रहे हैं उस जिले में आप न्यूनतम 30 दिन व्यतीत किया हुआ होना चाहिए।

2. आपके द्वारा दिए गए court marriage के आवेदन पत्र के कॉपी को रजिस्ट्रार ऑफिस द्वारा कार्योलय के नोटिस बोर्ड पर लगा दिया जायेगा।

3. लड़के और लड़की के मर्जी से हो रहे कोर्ट मैरिज के विरूद्ध अगर कोई आपत्ति जताना चाहता है तो वह 30 दिनों के अन्तराल में अपनी आपत्ति को कार्यालय के सामने रख सकते हैं।

4. यदि आपत्तिकर्ता द्वारा किये गए रुकावट में सत्यता होती है तो कानूनी विवाह के प्रक्रिया को रद्द कर दिया जायेगा। यदि उसके द्वारा पेश किये गए जानकारियां निरर्थक होती है तो कोर्ट मैरिज के प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया जायेगा।

5. यदि लड़के और लड़की को व्यक्ति विशेष द्वारा किये गए आपत्ति से दिक्कत है तो लड़के और लड़की जिला अदालत में अपील कर सकते हैं। ध्यान रहे जो भी अपील आप जिला अदालत में किये गए आपत्ति के खिलाफ़ कर रहे हैं वो 30 दिनों के अन्तराल में होना चाहिए।

6. यदि कोई परेशानी नहीं आ रही है तो ऐसी स्थिति में 30 दिनों के अन्तराल में रजिस्ट्रार आधिकारिक द्वारा दोनों पक्ष और दो या तीन गवाहों द्वारा घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करवाया जाता है।

7. अब रजिस्ट्रार आधिकारी द्वारा विवाह को संपन्न करने हेतु उचित स्थान पर सुनिश्चित कर दिया जाता है।

8. युवक और युवती का विवाह हो जाने के बाद कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट को जारी कर दिया जाता है। यदि युवक और युवती को Court Marriage करने के बाद किसी प्रकार की धमकी मिलाती है तो कोर्ट मैरिज के बाद पुलिस सुरक्षा अदालत द्वारा मुहैया कराया जाता है।

कोर्ट मैरिज में कितना खर्च आता है?

हमारे देश में अलग-अलग राज्य हैं और हर राज्य में कोर्ट मैरिज की फीस भी अलग-अलग ली जाती है। हिंदू सामान्य मैरिज एक्ट के अंतर्गत कोर्ट मैरिज करने के लिए आपको ₹100 की फीस देनी होती है। वही हिंदू स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत आपको कोर्ट मैरिज करने के लिए 150 रुपए की फीस देनी होती है।

अधिक से अधिक कोर्ट मैरिज करने की फीस अदालत में ₹1000 तक हो सकती है। हालांकि जो वकील इस प्रक्रिया को करवाते हैं, वह अपने हिसाब से फीस चार्ज करते हैं। प्राइवेट वकील कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया को ₹8000 से लेकर के ₹10000 में पूरा करवाता है, वहीं सरकारी वकील यही प्रक्रिया ₹4000 में कंप्लीट करवा देता है।

क्या कोर्ट मैरिज 1 दिन में हो सकती है?

जो सामान्य कोर्ट मैरिज होती है, वह तो एक दिन में ही संपन्न हो जाती है, परंतु यदि कोई जोड़ा स्पेशल विवाह अधिनियम के अंतर्गत कोर्ट मैरिज कर रहा है, तो यह एक दिन में पॉसिबल नहीं है। स्पेशल विवाह अधिनियम के द्वारा कोर्ट मैरिज पूरा होने में तकरीबन 30 दिनों से लेकर के 40 दिन का समय लग जाता है।

क्योंकि इस विवाह के अंतर्गत कोर्ट के द्वारा एक नोटिफिकेशन भी जारी किया जाता है, जिसमें यह कहा जाता है कि, दो जोड़े आपस में विवाह कर रहे हैं।

अगर किसी को आपत्ति है, तो वह निश्चित समय सीमा के दरमियान कोर्ट में आकर अपनी आपत्ति को दर्ज करवाए। यही वजह है की स्पेशल विवाह अधिनियम के तहत कोर्ट मैरिज होता है, तो इसमें 1 महीने से अधिक का समय लग जाता है।

court marriage ko cancel kaise kare in hindi

ध्यान रहे ladka ladki court marriage करने के बाद 1 साल से पहले तलाक की अर्जी स्वीकृत नहीं है। विवाह के पहले वर्ष पर तलाक पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। विवाह के 1 साल पूर्ण होने के बाद नागरिक (लड़का या लड़की) तलाक के लिए कोर्ट में आवेदन कर सकते हैं।

कोर्ट याचिकाकर्ता के विषम परिस्थितयों को देखते हुए तलाक के अर्जी को स्वीकार किया जा सकता है। किन्तु यदि याचिकाकर्ता कोर्ट को भ्रमित करने हेतु गलत तथ्य या दस्तावेज जारी किया गया है तो याचिकाकर्ता के खिलाफ़ उचित कार्यवाही किया जा सकता है।

क्या कोर्ट मैरिज करने पर पैसे मिलते हैं?

जी हां! कोर्ट मैरिज करने पर पैसे की प्राप्ति होती‌ है, परंतु इसके कुछ नियम है। यदि किसी व्यक्ति के द्वारा दलित से विवाह किया जाता है, तो इसे अंतरजातीय विवाह कहा जाता है।

ऐसे में उस शादीशुदा जोड़े को गवर्नमेंट के द्वारा ढाई लाख रुपए की सहायता दी जाती है। हालांकि इसके लिए नव दंपति में से कोई भी एक व्यक्ति दलित समुदाय से होना चाहिए और दूसरा व्यक्ति दलित समुदाय के बाहर का होना चाहिए।

यह सहायता डॉक्टर अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटर कास्ट मैरिज के अंतर्गत प्राप्त होती है। सहायता तभी प्राप्त होती है जब विवाह हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अंतर्गत पंजीकृत होता है। इसके लिए शादीशुदा जोड़े को एक हलफनामा भी दाखिल करने की आवश्यकता होती है।

यह भी देखें : राजस्थान जन्म प्रमाण पत्र डाउनलोड कैसे करें ऑनलाइन

FAQ:

Q: कोर्ट मैरिज कहां पर होती है?

ANS: कोर्ट मैरिज में कोर्ट शब्द जुड़ा हुआ है, तो जाहिर सी बात है कि इस प्रकार की शादी अदालत में ही होती है, तभी तो इसे कोर्ट मैरिज कहा जाता है।

Q: कोर्ट मैरिज में क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए?

ANS: संपूर्ण एप्लीकेशन फॉर्म और फीस, लड़के और लड़की के पासपोर्ट साइज की चार रंगीन फोटो, आधार कार्ड अथवा ड्राइविंग लाइसेंस की फोटो कॉपी, कोर्ट मैरिज की फीस जो की ₹500 या ₹5000 हो सकती है, 10वीं/12वीं की मार्कशीट या जन्म प्रमाण पत्र शपथ पत्र, गवाहों के फोटो और पैन कार्ड, अगर पति मर चुका है तो उसका डेथ सर्टिफिकेट, अगर तलाक हो गया है तो तलाक का पेपर, पत्नी मर गई है तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र इत्यादि दस्तावेज कोर्ट मैरिज में लगते हैं।

Q: कोर्ट मैरिज कितने दिन में होती है?

ANS: जब लड़के और लड़की के सिग्नेचर हो जाते हैं या अंगूठे का निशान कोर्ट मैरिज दस्तावेज पर लग जाता है और गवाह भी अपनी गवाही दे देते हैं तथा कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट मिल जाता है तो कोर्ट मैरिज पक्की हो जाती है।

Q: कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट कैसा होता है?

ANS: यह एक सरकारी सर्टिफिकेट होता है, जो इस बात को साबित करने का काम करता है कि दस्तावेज में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं वह आपस में शादीशुदा हैं। हमारे देश में शादी का पंजीकरण हिंदू मैरिज एक्ट 1955 या स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के अंतर्गत होता है।

Q: कोर्ट मैरिज करने से क्या फायदा होता है?

ANS: कोर्ट मैरिज करने से आप कानूनी रूप से आपस में पति-पत्नी हो जाते हैं।

सारांश –

कोर्ट मैरिज करने के लिए आवेदकों (युवक और युवती) को जिले के Vivah Officer को विवाह में शामिल होने वाले दोनों पक्षों द्वारा लिखित आवेदन पत्र या नोटिस देना होगा। इसके बाद विवाह ऑफिसर द्वारा आवेदन पत्र के कॉपी को 30 दिन के लिए नोटिस बोर्ड पर जारी किया जायेगा। यदि किसी को इस नोटिस से दिक्कत नहीं है तो वह कोर्ट मैरिज एक्ट के नियम और शर्त के अनुसार शादी कर सकते हैं।

ऊपर के पोस्ट में डिटेल में साझा किया गया है कि Court Marriage Kaise Kare? साथ ही कोर्ट मैरिज करने के लिए आवश्यक दस्तावेज, नियम शर्त, आवेदन प्रक्रिया, फीस या खर्च के बारे में डिटेल से बताया गया है। मैं आशा करता हूँ कि उपरोक्त जानकारी आपको समझ में आ गयी है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment